सिमरू माता शारदा गणपत लागू पाए देसी वंदना - MadhurBhajans मधुर भजन










सिमरू माता शारदा
गणपत लागू पाए
सुण्डाले ने सिमरू
गणपत लागू पाय है
हरी खेऊ गुगल धूप हरी ने।।


आगणौ रलीयावणो
मन्द्रिये परियोंण
मन्द्रिये मे जोतों जागे
संतो बरसे नूर हे।।


कठे थारों बेसणौ
कुड ओढन चीर है
कूँण थारौ कौचवौ
कूँण थारा वीर है।।


धरती माता बेसणौ
आसमान ओढन चीर है
तारामंडल कौचवौ
साधुडा म्हारा वीर है।।









हालों भाईडा खेती बावा
मोण्कारो बीज है
खेती मो हीरा निपजे
लेवण नर होशियार है।।


धारा अम्बर बेलड़ि गुरु
राखणौ विश्वास है
धारु रिखियौ बोलियों
गुरु माला रे परियांण है।।


सिमरू माता शारदा
गणपत लागू पाए
सुण्डाले ने सिमरू
गणपत लागू पाय है
हरी खेऊ गुगल धूप हरी ने।।
गायक सुरेश जांगिड़ बाड़मेर।
प्रेषक मांगीलाल सेन बायतु।
मोबाइल 7073648651










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