श्याम तेरी चौखट पे जब भी सर झुकाया है भजन लिरिक्स - MadhurBhajans मधुर भजन
श्याम तेरी चौखट पे
जब भी सर झुकाया है
मेरी इन अंखियों ने
बाबा नीर बहाया है
श्याम तेरी चोखट पे।।
तर्ज आदमी मुसाफिर है।
रोता हुआ जब आऊं मैं दर पे
चाहूं मैं धर दे तू हाथ सर पे
ना दिल ये तुमसे रे कह पाया है
श्याम तेरी चोखट पे
जब भी सर झुकाया है
मेरी इन अंखियों ने
बाबा नीर बहाया है
श्याम तेरी चोखट पे।।
दिल भर आए मैं जब सोचता हूं
जग में तुझे मैं तब खोजता हूं
जब तू ना मुझको नज़र आया है
श्याम तेरी चोखट पे
जब भी सर झुकाया है
मेरी इन अंखियों ने
बाबा नीर बहाया है
श्याम तेरी चोखट पे।।
नीरस है क्यूं ये जीवन रे मेरा
जालान क्या कुछ न लागे रे तेरा
जीवन में अंधेरा ये क्यूं छाया है
श्याम तेरी चोखट पे
जब भी सर झुकाया है
मेरी इन अंखियों ने
बाबा नीर बहाया है
श्याम तेरी चोखट पे।।
श्याम तेरी चौखट पे
जब भी सर झुकाया है
मेरी इन अंखियों ने
बाबा नीर बहाया है
श्याम तेरी चोखट पे।।
भजन रचयिता
पवन जालान जी।
9416059499 भिवानी हरियाणा
shyam teri chokhat pe jab bhi sar jhukaya hai lyrics