श्याम से सब कहते है भजन लिरिक्स - MadhurBhajans मधुर भजन










जग से छुपाएं हम फिरते है
श्याम से सब कहते है
सुलझा देगा हर उलझन वो
सोच के सब सहते है।।
तर्ज कौन सुनेगा किसको सुनाए।


हम है एक पतंग
डोर जिसकी है श्याम के हाथों में
उड़ते होके मलंग धुप हो
या चाहे बरसातों में
कोई दिशा हो चाहे हवाएं
मौज में हम बहते है
सुलझा देगा हर उलझन वो
सोच के सब सहते है।।


शमा से मिलकर देखे हमने
मिट जाते परवाने है
श्याम शमा से जीते
हम वैसे परवाने है
हम दीवाने श्याम को जाने
शान से ये कहते है
सुलझा देगा हर उलझन वो
सोच के सब सहते है।।









यश ना दे हम श्याम कृपा को
हम ऐसे खुदगर्ज नहीं
नाम श्याम का लिखकर गाते
इससे बड़ा कोई फर्ज नहीं
श्याम देन है गोलू जीवन
हम जो बसर करते है


सुलझा देगा हर उलझन वो
सोच के सब सहते है।।


जग से छुपाएं हम फिरते है
श्याम से सब कहते है
सुलझा देगा हर उलझन वो
सोच के सब सहते है।।












shyam se sab kehte hain lyrics