श्याम से ऐसी होली हुई शरम से मैं मर गई भजन लिरिक्स - MadhurBhajans मधुर भजन
श्याम से ऐसी होली हुई
शरम से मैं मर गई।।
तर्ज मुरली वाले ने घेर लई।
मोहे अकेले श्याम ने घेरा
हाथ पकड़ लिया कस के मेरा
उसकी बाहों में कस गई
शरम से मैं मर गई
श्याम से ऐसी होली हुयी
शरम से मैं मर गई।।
जोराजोरि से रंग लगाया
हाय श्याम ने कितना सताया
सिर से पाँव तक मैं रंग गई
शरम से मैं मर गई
श्याम से ऐसी होली हुयी
शरम से मैं मर गई।।
छलिया ने मोहे रंग लगा के
छोड़ दिया मोहे अंग लगा के
उसकी बातों में मैं फस गई
शरम से मैं मर गई
श्याम से ऐसी होली हुयी
शरम से मैं मर गई।।
सांवरिया ने ऐसा लुटा
सारा अंग अंग मेरा टुटा
जैसे नागन कोई डस गई
शरम से मैं मर गई
श्याम से ऐसी होली हुयी
शरम से मैं मर गई।।
श्याम से ऐसी होली हुई
शरम से मैं मर गई
श्याम से ऐसी होली हुयी
शरम से मैं मर गई।।
shyam se aisi holi hui sharam se main mar gai lyrics