श्याम नाम की भक्ति ऐसी भव सागर से तार दे लिरिक्स - MadhurBhajans मधुर भजन










श्याम नाम की भक्ति ऐसी
भव सागर से तार दे
कर पावन मन जीवन अपना
कर पावन मन जीवन अपना
श्री चरणों में वार दे
श्याम नाम की भक्ति ऐसी
भव सागर से तार दे।।


कुबड़ी नारी संकट भारी
श्याम चरण में आ ही गई
क्षण भर में वो कृष्ण कृपा से
सूंदर तन को पा ही गई
कोई न जाने कब वो दाता
किस के भाग्य सवार दे
कर पावन मन जीवन अपना
कर पावन मन जीवन अपना
श्री चरणों में वार दे
श्याम नाम की भक्तिं ऐसी
भव सागर से तार दे।।


अर्जुन भटका जीवन पथ में
धनुष हाथ से छोड़ दिया
देके गीता ज्ञान पार्थ को
धर्म से नाता जोड़ दिया
जैसे तेरे कर्म हो बंदे
ऐसे वो उपहार दे
कर पावन मन जीवन अपना
कर पावन मन जीवन अपना
श्री चरणों में वार दे
श्याम नाम की भक्तिं ऐसी
भव सागर से तार दे।।


जनम मरण के डर को भूली
जो खोई प्रभु प्यार में
विष का प्याला पीके मीरा
अमर हुई संसार में
निज भक्तन का साथ वो मोहन
संकट में हर बार दे
कर पावन मन जीवन अपना
कर पावन मन जीवन अपना
श्री चरणों में वार दे
श्याम नाम की भक्तिं ऐसी
भव सागर से तार दे।।









देना वर ये चलती रहे बस
यूँ ही कलम सुभाष की
सुर और ताल का साथ ना छोड़े
वाणी मधुर अविनाश की
भजन तुम्हरे गाते रहे हम
इतना तो अधिकार दे
कर पावन मन जीवन अपना
कर पावन मन जीवन अपना
श्री चरणों में वार दे
श्याम नाम की भक्तिं ऐसी
भव सागर से तार दे।।


श्याम नाम की भक्ति ऐसी
भव सागर से तार दे
कर पावन मन जीवन अपना
कर पावन मन जीवन अपना
श्री चरणों में वार दे
श्याम नाम की भक्तिं ऐसी
भव सागर से तार दे।।
गायक अविनाश जी कर्ण।










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