श्याम क्यों मुझसे खफा है भजन लिरिक्स - MadhurBhajans मधुर भजन
श्याम क्यों मुझसे खफा है
दोहा श्याम ही मेरा जीवन धन है
श्याम ही मेरा गहना
जग छूटे पर श्याम मिले
श्याम बिना नईयो रहना।
तेरी रहमत के सदके मैं जाऊ
सर झुका के मैं तुझको मनाऊं
श्याम क्यों मुझसे खफा है
क्या है किसी से काम
तुझे देखने के बाद
मेरी जुबां पे तेरा नाम
तुझे देखने के बाद
मुझसे खफा है क्यूँ श्याम
श्याम क्यूँ मुझसे खफा है।।
मेरी कश्ती भंवर से निकालो
मैं हूँ मुश्किल में आकर संभालो
ऐसा ना हो के मैं डूब जाऊं
तेरे जैसा ना माझी मैं पाऊं
श्याम क्यूँ मुझसे खफा है।।
बड़ी शिद्द्त से तुमको पुकारा
तेरे रहते मैं क्यों बेसहारा
हाल दिल किस तरह मैं बताऊँ
मैं तो अश्को में बहती ही जाऊं
श्याम क्यूँ मुझसे खफा है।।
मेरे जख्मों पे मरहम लगा दे
तेरी सुरभि की बिगड़ी बना दे
कहता चोखानी क्या क्या सुनाऊँ
तेरी खिदमत में खुद को मिटाऊँ
श्याम क्यूँ मुझसे खफा है।।
तेरी रहमत के सदके मैं जाऊ
सर झुका के मैं तुझको मनाऊं
श्याम क्यूँ मुझसे खफा है।।
स्वर सुरभि चतुर्वेदी।
प्रेषक अभिनव शर्मा।
9755957599
shyam kyun mujhse khafa hai lyrics