श्याम की नगरिया खाटू उजागर जहान में भजन लिरिक्स - MadhurBhajans मधुर भजन
श्याम की नगरिया खाटू
उजागर जहान में
लूट गयो हूँ तो तेरी
मीठी मुस्कान में
लूट गयो हूँ तो तेरी
मीठी मुस्कान में।।
तर्ज छूप गया कोई रे।
पलका को झालो देकर
सांवलियो स्यात में
कालजो ही काढ़ लियो
काई कहूं बात मैं
फूंक फूंक पाँव मेलूँ
फूंक फूंक पाँव मेलूँ
प्रीत की दुकान में
लूट गयो हूँ तो तेरी
मीठी मुस्कान में
लूट गयो हूँ तो तेरी
मीठी मुस्कान में।।
कितनो दर्द ऐ में
कितनो खिचाव है
ज्वाला में कूद जावे
प्रीत को ही आव है
बिना पंख उडतो डोलूं
बिना पंख उडतो डोलूं
प्रीत के बिवाण में
लूट गयो हूँ तो तेरी
मीठी मुस्कान में
लूट गयो हूँ तो तेरी
मीठी मुस्कान में।।
श्याम बहादुर शिव
प्रीत को पताश्यो है
सांकड़ी है प्रेम गली
फेर नहीं माशो है
डूब गया जिव तेरी
डूब गया जिव तेरी
मुरली की तान में
लूट गयो हूँ तो तेरी
मीठी मुस्कान में
लूट गयो हूँ तो तेरी
मीठी मुस्कान में।।
श्याम की नगरिया खाटू
उजागर जहान में
लूट गयो हूँ तो तेरी
मीठी मुस्कान में
लूट गयो हूँ तो तेरी
मीठी मुस्कान में।।
shyam ki nagariya khatu ujagar jahan me lyrics