श्याम की अदालत में अर्ज़ी जो लगाता है भजन लिरिक्स - MadhurBhajans मधुर भजन










हर एक हारे का है सहारा
सबके लिए सांवरे का है द्वारा
जिसने भी मुश्किल में मन से पुकारा
उसकी मदद को मेरा श्याम प्यारा
लीले पे होके सवार आता है
श्याम की अदालत में
अर्ज़ी जो लगाता है
हारी हुई बाज़ी भी
वो प्राणी जीत जाता है।।
तर्ज आदमी मुसाफिर है।


जो आ गया सांवरे की शरण में
हारा कभी ना वो जीवन के रण में
पग पग पे वो जीत ही पाता है
श्याम की अदालत मे
अर्ज़ी जो लगाता है
हारी हुई बाज़ी भी
वो प्राणी जीत जाता है।।


है जिसके संग तीन बाणो का धारी
उसका बिगाड़ेगा क्या दुनिया सारी
जिसका मेरे श्याम से नाता है
श्याम की अदालत मे
अर्ज़ी जो लगाता है
हारी हुई बाज़ी भी
वो प्राणी जीत जाता है।।









हाँ ये अदालत सबसे बड़ी है
दुनिया यहाँ सर झुकाये खड़ी है
संदीप सबको ये समझाता है
श्याम की अदालत में
अर्ज़ी जो लगाता है
हारी हुई बाज़ी भी
वो प्राणी जीत जाता है।।














shyam ki adalat me arji jo lagata hai lyrics