श्याम के चरणों में हरदम लगी मेरी हाजरी रहती भजन लिरिक्स
श्याम के चरणों में हरदम
लगी मेरी हाजरी रहती
मेरी आशा उम्मीदों की सदा
बगीया हरी रहती
श्याम कें चरणो में हरदम
लगी मेरी हाजरी रहती।।
तर्ज जहां बनती है तकदीरें।
भटकने दर ब दर मुझको
नही मेरा साँवरा देता
मैं लखदातार का चाकर
मेरी झोली भरी रहती
श्याम कें चरणो में हरदम
लगी मेरी हाजरी रहती।।
मेरी पुजा खरी सबसे
खरा घनश्याम है मेरा
मेरी चाहत खरी हर एक
मेरी नियत खरी रहती
श्याम कें चरणो में हरदम
लगी मेरी हाजरी रहती।।
पुकारूं जब कन्हैया को
खिवैया बनके आ जाए
भले तुफान हो भारी
मेरी कश्ती तरी रहती
श्याम कें चरणो में हरदम
लगी मेरी हाजरी रहती।।
रहे एहसास मुझको ये
श्याम मेरे आसपास ही है
गुंजती कानो में लख्खा
की उनकी बांसुरी रहती
श्याम कें चरणो में हरदम
लगी मेरी हाजरी रहती।।
श्याम के चरणों में हरदम
लगी मेरी हाजरी रहती
मेरी आशा उम्मीदों की सदा
बगीया हरी रहती
श्याम कें चरणो में हरदम
लगी मेरी हाजरी रहती।।
shyam ke charno me hardam lagi meri hajri rahti lyrics