श्याम दीनो का दाता है भाव से रीझ जाता है लिरिक्स - MadhurBhajans मधुर भजन
श्याम दीनो का दाता है
दोहा कागा सब तन खाईयो
मोरा चुन चुन खाईयो मास
दो नैना मत खाईयो
जामे श्याम मिलन री आस।
श्याम दीनो का दाता है
भाव से रीझ जाता है
लगन सच्ची हो गर प्यारे
ये नंगे पैरो आता है
श्याम दीनों का दाता है
भाव से रीझ जाता है।।
तर्ज सजा दो घर को गुलशन।
जहाँ की ठोकरें खाकर
पलनीया पेट आया था
पलनीया पेट आया था
कृपा की इक नज़र डाली
कृपा की इक नज़र डाली
जो तूने सर झुकाया था
श्याम दीनों का दाता है
भाव से रीझ जाता है।।
इसी की मर्जी है प्यारे
भरम क्यों मन में लाता है
भरम क्यों मन में लाता है
यही लिखता यही गाता
यही लिखता यही गाता
स्वरों को ये सजाता है
श्याम दीनों का दाता है
भाव से रीझ जाता है।।
तेरे भावों से रिझेगा
दो आंसू से पसीजेगा
दो आंसू से पसीजेगा
भगत नरसी या करमा हो
भगत नरसी या करमा हो
सभी के घर ये आया है
श्याम दीनों का दाता है
भाव से रीझ जाता है।।
श्याम दीनों का दाता है
भाव से रीझ जाता है
लगन सच्ची हो गर प्यारे
ये नंगे पैरो आता है
श्याम दीनों का दाता है
भाव से रीझ जाता है।।
स्वर अंजलि द्विवेदी जी।
shyam dino ka data hai bhav se rijh jata hai lyrics