श्रृंगार प्यारो लागे दरबार प्यारो लागे लिरिक्स - MadhurBhajans मधुर भजन
श्रृंगार प्यारो लागे
दरबार प्यारो लागे
नैना निरखे बारम्बार
सिणगार प्यारो लागे।।
तर्ज जुलम कर डारो।
देखें श्याम बाबा को श्रृंगार मन भावे।
सिरसुन्दर मुकुट सुहाना
जो देखे हो दीवाना
ओ सोहे गल बैजंती हार
सिणगार प्यारो लागे
नैना निरखे बारम्बार
सिणगार प्यारो लागे।।
मन को मोहे मतवारी
अँखियाँ थारी कजरारी
बनडा बना है लखदातार
सिणगार प्यारो लागे
नैना निरखे बारम्बार
सिणगार प्यारो लागे।।
लेकर के लूण और राई
थारी नज़र उतारूं कन्हाई
कहता है सारा संसार
सिणगार प्यारो लागे
नैना निरखे बारम्बार
सिणगार प्यारो लागे।।
जो देखे छवि तुम्हारी
तो भूले दुनिया सारी
झूमे होके मगन नर नार
सिणगार प्यारो लागे
नैना निरखे बारम्बार
सिणगार प्यारो लागे।।
श्रृंगार प्यारो लागे
दरबार प्यारो लागे
नैना निरखे बारम्बार
सिणगार प्यारो लागे।।
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