श्रृंगार बसंती है कृष्ण भजन लिरिक्स - MadhurBhajans मधुर भजन










श्री श्याम सलोने का
श्रृंगार बसंती है
दरबार बसंती है
श्रंगार बसंती है।।


बसंती ही पीताम्बर
बसंती ही फेटा है
बंसती सिंहासन
जिस पर ये बैठा है
इसने जो पहने है
इसने जो पहने है
वो हार बसंती है
श्रंगार बसंती है
दरबार बसंती है
श्रंगार बसंती है।।


मुखड़े पर गौर करो
मुस्कान बसंती है
मुरली से उठ जो रही
वो तान बसंती है
जिन नज़रों से ये देखे
जिन नज़रों से ये देखे
वो प्यार बसंती है
श्रंगार बसंती है
दरबार बसंती है
श्रंगार बसंती है।।


इसके हर प्यारे की
पहचान बसंती है
दिल में जो मचल रहे
अरमान बंसती है
जिस डोर से ये बांधे
जिस डोर से ये बांधे
वो तार बसंती है
श्रंगार बसंती है
दरबार बसंती है
श्रंगार बसंती है।।









ये श्याम सरोवर है
मोहन की धरोहर है
बिन्नू इसके तट का
हर घाट मनोहर है
इसके निर्मल जल की
इसके निर्मल जल की
हर धार बंसती है



श्रंगार बसंती है
दरबार बसंती है
श्रंगार बसंती है।।


श्री श्याम सलोने का
श्रृंगार बसंती है
दरबार बसंती है
श्रंगार बसंती है।।













shringar basanti hai lyrics