श्रृंगार आज तेरा मन को बड़ा लुभाता भजन लिरिक्स - MadhurBhajans मधुर भजन










श्रृंगार आज तेरा
मन को बड़ा लुभाता
जो भी झलक को देखे
खुद को वो भूल जाता
सिंगार तेरा बाबा
मन को बड़ा लुभाता।।
तर्ज चूड़ी मजा न देगी।


सिर मोर का मुकुट है
हीरा चमकता प्यारा
नज़रें तेरी कटारी
करती हमें इशारा
चन्दन का लेप मुख पर
कितना गज़ब है ढाता
सिंगार तेरा बाबा
मन को बड़ा लुभाता।।


मुस्कान प्यारी प्यारी
मन मोह लेगी मेरा
बातें करूँ मैं तुमसे
होता है मन ये मेरा
जाऊं मैं वारी वारी
दिल भी मेरा ये कहता
सिंगार तेरा बाबा
मन को बड़ा लुभाता।।









गले हार सोहे सुन्दर
गजरें हैं खूबसूरत
बस आप को निहारूं
मुझको मिले ना फुर्सत
इत्र की महके खुशबू
मन खुद ही रीझ जाता
सिंगार तेरा बाबा
मन को बड़ा लुभाता।।


तेरे ठाठ हैं निराले
तुम सेठ श्याम ऐसे
जो देख ले दीवाना
हो जाए तुम हो ऐसे
भावों की स्नेह मोती
चरणों में हैं चढ़ाता
सिंगार तेरा बाबा
मन को बड़ा लुभाता।।


श्रृंगार आज तेरा
मन को बड़ा लुभाता
जो भी झलक को देखे
खुद को वो भूल जाता
सिंगार तेरा बाबा
मन को बड़ा लुभाता।।












shringar aaj tera man ko bada lubhata bhajan lyrics