श्री मद भागवत में अक्षर होते सात भजन लिरिक्स - MadhurBhajans मधुर भजन










श्री मद भागवत में
अक्षर होते सात
सात ही दिन होते है भईया
रातें होती हैं सात
सात की अजब कहानी है
जग की जानी मानी है।।
तर्ज लाल दुपट्टा उड़ गया।


गोवर्धन की परिक्रमा में
कोस तो भईया सात है
इंद्र देव ने जल बरसाया
सातों दिन और रात है
गोवर्धन उठाया कान्हा ने
ब्रज को बचाया कान्हा ने
एक उंगली पे उठाके पर्वत
खड़े रहे दिन सात
सात ही दिन होते है भईया
रातें होती हैं सात
सात की अजब कहानी है
जग की जानी मानी है।।


जब उठाया पर्वत
आयु वर्ष थी सात की
अभिमन्यु को मिलकर मारा
योद्धाओं की गिनती सात थी
चक्रव्यूह की रचना देखो
द्वार थे उसमे सात
सात ही दिन होते है भईया
रातें होती हैं सात
सात की अजब कहानी है
जग की जानी मानी है।।









सात समुन्द्र प्यारे जग में
द्वीप भईया सात हैं
ब्याह मंडप के नीचे भईया
बचन सुनाते सात हैं
दूल्हा दुल्हन की भांवर में
फेरे होते सात
सात ही दिन होते है भईया
रातें होती हैं सात
सात की अजब कहानी है
जग की जानी मानी है।।


संगीत में मेरे भईया
स्वर भी होते सात हैं
ऐसे ही मेरे जीवन में
रहे आपका साथ है
गंगा ने यह गीत सुनाया
होकर के सब साथ
सात ही दिन होते है भईया
रातें होती हैं सात
सात की अजब कहानी है
जग की जानी मानी है।।


श्री मद भागवत में
अक्षर होते सात
सात ही दिन होते है भईया
रातें होती हैं सात
सात की अजब कहानी है
जग की जानी मानी है।।
गायक गंगाराम कुशवाहा।
8858415680










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