श्री राम मेरे घर आएंगे मेरी कुटिया के भाग खुल जाएंगे - MadhurBhajans मधुर भजन










श्री राम मेरे घर आएंगे
मेरी कुटिया के भाग खुल जाएंगे
श्री राम मेरे घर आएंगे।।


रोज उठकर के अंगना बुहारा करूँ
राम आएँगे बाट निहारा करूँ
होके मन में मगन
श्री राम लखन
संग जनक सुता को लाएंगे
मेरे राम मेरे घर आएंगे
मेरी कुटिया के भाग खुल जाएंगे
श्री राम मेरे घर आएंगे।।


प्रेम से चुनके बेरो को लाऊंगी मैं
अपने प्यारे प्रभु को खिलाऊंगी मैं
प्रेम से खाएंगे खुश वो हो जाएंगे
खाके बेरो को स्वाद बताएंगे
श्री राम मेरे घर आयेंगे
मेरी कुटिया के भाग खुल जाएंगे
श्री राम मेरे घर आएंगे।।


सुनके आवाज दिल की प्रभु आ गए
भीलनी का भाग श्री राम चमका गए
देखकर के छवि सुध भूल गई
कोई वर्णन नहीं कर पाएगे
श्री राम मेरे घर आयेंगे
मेरी कुटिया के भाग खुल जाएंगे
श्री राम मेरे घर आएंगे।।









बेर चख पहले फिर राम को दे रही
कितने जन्मो का फल शबरी है ले रही
झूठे फल खा रहे मन को है भा रहे
प्रेम के बस में है भगवन हो जाएंगे
श्री राम मेरे घर आयेंगे
मेरी कुटिया के भाग खुल जाएंगे
श्री राम मेरे घर आएंगे।।


जात के तोड़ बंधन श्री राम ने
प्रेम के वश में होकरके भगवान ने
सबको बतला दिया प्रेम होता है क्या
भक्त की पीड़ा ना राम सह पाएंगे
श्री राम मेरे घर आयेंगे
मेरी कुटिया के भाग खुल जाएंगे
श्री राम मेरे घर आएंगे।।


श्यामसुंदर प्रभु तेरा प्रेमी बने
प्रेम के रंग में रंग जाए हम सब जने
लख्खा सच है कहे प्रेम गंगा बहे
प्रेम गंगा में गोते लगाएंगे
श्री राम मेरे घर आयेंगे
मेरी कुटिया के भाग खुल जाएंगे
श्री राम मेरे घर आएंगे।।


श्री राम मेरे घर आएंगे
मेरी कुटिया के भाग खुल जाएंगे
श्री राम मेरे घर आएंगे।।










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