श्री राम भक्त बजरंगी तेरे खेल है अजब निराले भजन लिरिक्स - MadhurBhajans मधुर भजन
श्री राम भक्त बजरंगी
तेरे खेल है अजब निराले
प्रभु की सेवा में तुमने
प्रभु की सेवा में तुमने
कितने ही काज सँवारे
श्रीं राम भक्त बजरंगी
तेरे खेल है अजब निराले।।
तर्ज मानो तो मैं गंगा माँ हूँ।
सागर तट पर बैठे वो नर
भालू सब घबराकर
मार छलांग गए लंका में
लंका आप जलाकर
सिता का संदेसा लाकर
सिता का संदेसा लाकर
रघुवर को सुनाने वाले
श्रीं राम भक्त बजरंगी
तेरे खेल है अजब निराले।।
हुआ ना होगा इनके जैसा
राम भक्त कोई दूजा
उनके ही रक्षक बन जाते
जो करे राम की पूजा
इस अमर के दुःख भी हरलो
इस अमर के दुःख भी हरलो
सबके दुःख हरने वाले
श्रीं राम भक्त बजरंगी
तेरे खेल है अजब निराले।।
लक्ष्मण को मुर्छित देखा
तब राम बहुत घबराए
सूरज उगने से पहले
संजीवनी बूटी लाए
तुम ही तो हो लक्ष्मण को
तुम ही तो हो लक्ष्मण को
नव जीवन देने वाले
श्रीं राम भक्त बजरंगी
तेरे खेल है अजब निराले।।
अहिरावण राम लखन को
छल से ले गया उठाकर
तुम राम लखन को लाए
अहिरावण मारा जाकर
हो अजर अमर बजरंगी
हो अजर अमर बजरंगी
तुम संकट हरने वाले
श्रीं राम भक्त बजरंगी
तेरे खेल है अजब निराले।।
श्री राम भक्त बजरंगी
तेरे खेल है अजब निराले
प्रभु की सेवा में तुमने
प्रभु की सेवा में तुमने
कितने ही काज सँवारे
श्रीं राम भक्त बजरंगी
तेरे खेल है अजब निराले।।
shri ram bhakt bajrangi tere khel hai ajab nirale lyrics