श्री राधा जी की आरती - MadhurBhajans मधुर भजन










श्री राधा जी की आरती
आरती प्रीतम प्यारी की
कि बनवारी नथवारी की।
दुहुँन सर कनकमुकुट झलकै
दुहुँन श्रुति कुण्डल भल हलकै
दुहुँन दृग प्रेम सुधा छलकै
चसीले बैन रसीले नैन गँसीले सैन
दुहुँन मैनन मनहारी की॥
दुहुँनि दृग चितवनि पर वारि
दुहुँनि लटलटकनिछवि न्यारी
दुहुँनि भौंमटकनि अति प्यारी
रसन मुख पान हँसन मुस्कान दसन दमकान
दुहुँनि बेसर छवि न्यारी की॥







एक उर पीताम्बर फहरै
एक उर नीलाम्बर लहरै
दुहुँन उर लरमोतिन छहरै
कंकनन खनक किंकिनिन झनक नुपूरन भनक
दुहुँन रुनझुन धुनि प्यारी की॥
एक सिर मोरमुकुट राजै
एक सिर चुनरीछवि छाजै
दुहुन सिर तिरछे भल भ्राजै
संग ब्रज बाल लाडलीलाल बाँह गाल दाल
कृपालु दुहुँन दृग चारि की॥









shri radha ji ki aarti