श्री महाकाल ऐसा वरदान दो गुणगान तुम्हारा सुनाता रहूं लिरिक्स - MadhurBhajans मधुर भजन
श्री महाकाल ऐसा वरदान दो
गुणगान तुम्हारा सुनाता रहूं
संसार में जब जब जनम मिले
तो महाकाल नगरी में आता रहूं
श्री महाकाल ऐसा वरदान दों
गुणगान तुम्हारा सुनाता रहूं।।
तर्ज तुम अगर साथ देने।
किसी बगिया की डाली का फूल बनु
तो महाकाल नगरी में खिलता रहूं
किन्ही हाथों से तोडा जाऊं अगर
शिव मंदिर में खुशबु उड़ाता रहूं
श्री महाकाल ऐसा वरदान दों
गुणगान तुम्हारा सुनाता रहूं।।
संगेमरमर का कोई जो पत्थर बनू
तो महाकाल मंदिर पे सजता रहूँ
कोई पानी से मुझको धोया करे
शिव मंदिर की शोभा बढ़ाता रहूँ
श्री महाकाल ऐसा वरदान दों
गुणगान तुम्हारा सुनाता रहूं।।
गर सर्पो की योनी में जीवन मिले
शिवजी के गले से मैं लिपटा रहूँ
आठों याम ही सेवा करता रहूँ
शिव मस्तक पे फन को फैलाता रहूँ
श्री महाकाल ऐसा वरदान दों
गुणगान तुम्हारा सुनाता रहूं।।
गर क्षिप्रा सलिला का पानी बनू
तो महाकाल नगरी में बहता रहूँ
भक्त भर भर के गागर चढ़ाते रहे
महाकाल के चरण धुलाता रहूँ
श्री महाकाल ऐसा वरदान दों
गुणगान तुम्हारा सुनाता रहूं।।
शिव भोले के प्याले की भंगिया बनू
शिव होंठों से मुझको लगाया करे
गर भोले के हाथों का डमरू बनू
शिव हाथों से डम डम बजाया करे
शिव भक्तो पे आशीष बरसे सदा
ऐसी अर्जी मैं शिव से लगाता रहूँ
श्री महाकाल ऐसा वरदान दों
गुणगान तुम्हारा सुनाता रहूं।।
जब प्राण पखेरू ये उड़ने लगे
इस तन को मेरे जब जलाने लगे
भस्म भोले को मेरी चिता की लगे
धन्य जीवन को अपने बनाता रहूँ
श्री महाकाल ऐसा वरदान दों
गुणगान तुम्हारा सुनाता रहूं।।
श्री महाकाल ऐसा वरदान दो
गुणगान तुम्हारा सुनाता रहूं
संसार में जब जब जनम मिले
तो महाकाल नगरी में आता रहूं
श्री महाकाल ऐसा वरदान दों
गुणगान तुम्हारा सुनाता रहूं।।
shri mahakal aisa vardan do lyrics