श्री बालाजी महाराज तेरे माथे मुकुट भजन लिरिक्स - MadhurBhajans मधुर भजन










श्री बालाजी महाराज महाराज
तेरे माथे मुकुट बिराज रहो।।
श्लोक
लाल देह लाली लसे अरु धरि लाल लँगूर।
बज्र देह दानव दलन जय जय जय कपि सूर।।
श्री बालाजी महाराज महाराज
तेरे माथे मुकुट बिराज रहो।।
तेरे माथे मुकुट बिराज रहो
तेरे माथे मुकुट बिराज रहो
श्री बालाजी महाराज महाराज
तेरे माथे मुकुट बिराज रहो।।


तोपे सिंदूर चढे तोपे फूल चढे
तोपे सिंदूर चढे तोपे फूल चढे
तोपे चढे तेल की धार ओ धार
तेरे माथे मुकुट बिराज रहो।।









तेरा लाल लंगोट का चोला हे
तेरा लाल लंगोट का चोला हे
तेरे ध्वजा हाथ में लाल ओ लाल
तेरे माथे मुकुट बिराज रहो।।


तेरे कानन कुंडल सोह रहे
तेरे कानन कुंडल सोह रहे
मस्तक पे तिलक लाल ओ लाल
तेरे माथे मुकुट बिराज रहो।।


जो आवे तेरे दर्शन को
जो आवे तेरे दर्शन को
वांको हो जाय बेड़ो पार ओ पार
तेरे माथे मुकुट बिराज रहो।।


तेरो दास पड़ियो हे चरनन में
तेरो दास पड़ियो हे चरनन में
एक तेरो ही आधार आधार
तेरे माथे मुकुट बिराज रहो।।


श्री बालाजी महाराज महाराज
तेरे माथे मुकुट बिराज रहो।।


















shri balaji maharaj tere mathe mukut lyrics