जय जय ज्ञानेश्वर जय बागेश्वर स्तुति लिरिक्स - MadhurBhajans मधुर भजन
जय जय ज्ञानेश्वर जय बागेश्वर
जय जय ज्ञानेश्वर जय बागेश्वर
संकटमोचन बाला
भक्तन सुखदाई सदा सहाई
अतिप्रिय रामकृपाला।
पूनम मधुमासी जन सुखरासी
प्रगट भए हनुमंता
अंजनि महतारी प्रमुदित भारी
अनुदित चरित अनंता।।०१।।
जानइ शुभअवसर सिद्ध मुनीश्वर
नावहिं तव पदसीसा
गावत गुनगाना ज्ञाननिधाना
ब्रह्मादिक अवनीसा।
रघुकुलमनि कारन काज सँवारन
प्रगटे सुबरन बेसा
मंजुल मुखमंडल कानन कुण्डल
सुन्दर कुंचित केसा।।०२।।
काँधे उपवीता परमपुनीता
कर ध्वज मुष्ठिक राजे
सिर रुचिर किरीटा मस्तक टीका
उर सियराम विराजे।
अतुलित बलधामा तन अभिरामा
परमज्ञान गोतीता
सुरमुनि हितकारी अंशपुरारी
उर प्रभु भगतिपुनीता।।०३।।
अविगत अविकारी कलिअघहारी
आगमनिगमनिधाना
जय असुर बिनासी प्रभु अबिनासी
मारुतिसुत हनुमाना।
रघुबर अनुरागी परम बिरागी
प्रभु तव चरित अनूपा
पलपल गुन गावत जिन मन भावत
रघुनायक सुरभूपा।।०४।।
अद्भुत तव करनी मुनि मनहरनी
गुन गावत रघुनाथा
सोई सरन सुहाई करहुँ सहाई
जीव नवत पद माथा।
जो आपहि ध्यावै शुभगुन गावै
हे हनुमत मतिधीरा
सोई बिपति निकंदन मुनि मनरंजन
हरहुँ जीव भवपीरा।।०५।।
दोहा दीन जानि हिय पवनसुत
जो मोहि पर कछु नेहु
तो कृपालु एहि जीव कहुँ
बिमल भगति बर देहु।।
रचनाकार श्री अशोक कुमार खरे जीव ।
गायक मनोज कुमार खरे।
shri bageshwar dham stuti lyrics