श्री आशापुराजी जोगणिया नाम धरायो जोगणिया माता प्रकट कथा - MadhurBhajans मधुर भजन
श्री आशापुराजी जोगणिया
नाम धरायो।।
तर्ज निज मंदिरिया में रमता।
एक समय बांगाजी हाड़ा
चौहान क्षत्री है गढ़वाड़ा
रात यहां दर्शण कर ठाड़ा
देखे भूप बैठे रजवाड़ा
देखी अचरज माया
श्री आशापुराजी जोगनिया
नाम धरायो।।
बागा को बुलवाकर बोले
रात मायं यहां कैसे डोले
बागों मन की गुण्डी खोले
कर विश्राम जहां यहां सोले
सोरी कर ले काया
श्री आशापुराजी जोगनिया
नाम धरायो।।
बोल उठा निर्भय हो बांगा
जगदम्बा की भक्ति मांगा
बोल भूत भूप में दांगा
कह रही शिवजी वामांगा
अटल राज बक्षाया
श्री आशापुराजी जोगनिया
नाम धरायो।।
यौ कहत ही बातों बात में
गढ़ कर दीना रातों रात में
बाग डोर वे दीनी हाथ में
दियो परगणों मां प्रभाव में
बंवावदा बसवाया
श्री आशापुराजी जोगनिया
नाम धरायो।।
वणी वंश की सुनों कहानी
हालासिंह राजा वरदानी
बंबावदा की थी राजधानी
हाड़ा मौज करे मन मानी
श्री अरस परस महा माया
श्री आशापुराजी जोगनिया
नाम धरायो।।
इघ राजा राणी घर जाई
जन्मी एक सुकुमारी बाई
जिण रो ब्याव मन्ड्यो हरखाई
जगदम्बा ने नूत बुलाई
ने मेल मण्डपै आया
श्री आशापुराजी जोगनिया
नाम धरायो।।
बड़ी बारात धूम से आई
नौबत बाजा बजे शहनाई
कर सिणगार मात वहां आई
रूण जुण रूण जुण नुपुर बजाई
राजा रहिस लुभाया
श्री आशापुराजी जोगनिया
नाम धरायो।।
मोह लिया माता ने सबको
राजा देखरियो है कब को
सरिया भूली अपने वर को
चूम रही पावणियां कर को
मोहनी चक्र फिराया
श्री आशापुराजी जोगनिया
नाम धरायो।।
कहे भूप सुनि यों सिहुं हाला
कौन घरां की है यह बाला
करने आई किसे निहाला
हमें पहनावे क्या वर माला
यों कर मखोल मुस्काया
श्री आशापुराजी जोगनिया
नाम धरायो।।
सुन रूद्राणी ब्रह्माणी रमा
कुठित काम्यों पर जलीआत्मा
करदूं इनका पलमें खात्मा
दया विचार करचली व क्षमा
थानक पै पदराया
श्री आशापुराजी जोगनिया
नाम धरायो।।
हाल सिंह को काँपयो हिवड़ो
चरने आय माता के पड़ियो
फिर से जावण मां मैं अड़ियों
कर प्रार्थना खड़ियोखड़ियो
शरणे शीश नवाया
श्री आशापुराजी जोगनिया
नाम धरायो।।
बोली मंड से कहे भवानी
क्या तूने मुझको नहीं जानी
नहीं जानी या नहीं पहचानी
कुदृष्टि मुज पै क्यों तानी
यू माता वचन सुनाया
श्री आशापुराजी जोगनिया
नाम धरायो।।
माफ करो मुझ को कल्याणी
क्षमा खमा है आद भवानी
हाड़ा कुल की है महारानी
अबके खूब करूं मिजमानी
मां का मन हर्षाया
श्री आशापुराजी जोगनिया
नाम धरायो।।
राजा गया काड ओगण को
भैष धरयो जोगण को
कर नखराली को सब ठणको
चली निभाने अपने प्रण को
भैरूं संग सिधाया
श्री आशापुराजी जोगनिया
नाम धरायो।।
भगती गण जट चली जोगणियां
दरवाजे गाती रागणियां
घुसने लगी है गढ़ आंगणियां
ठहर अरिओ काल बेलणियां
कड़वा बोल सुनाया
श्री आशापुराजी जोगनिया
नाम धरायो।।
गम खाकर बोली जोगणियां
मैं आई नुती पावणियां
मैं जाऊं जहां रहे राणियां
आई ब्याव में गीत गावणिया
राजा से पुछवाया
श्री आशापुराजी जोगनिया
नाम धरायो।।
मैं न जाणु राजा कहे ताड़ो
दरवाजे से बाहर काढ़ो
नहीं जावे तो बांसा फाड़ो
जीमण नेवाड़ा में बाड़ो
धक्का धूम लगाया
श्री आशापुराजी जोगनिया
नाम धरायो।।
यों अपमान देख आपणो
गुस्से में भर गयो हापणो
थारो राज यो मैं ही थापणो
भोगभोग थने आग्यों धापणो
नूत ने मान मिटाया
श्री आशापुराजी जोगनिया
नाम धरायो।।
झट जगदम्बा खंग कर खड़िया
मायां का परदा जब पड़िया
आपस में कट कट कर लड़िया
अपने आप गढ़किला ढड़िया
रानी कुँवर बचाया
श्री आशापुराजी जोगनिया
नाम धरायो।।
तैंसनेस करके गढ़वाड़ा
में बंबावदा में पड़ग्या धाड़ा
दिया रोज बूंदी रजवाड़ा
बूंदीराज करो है हाड़ा
अमर पट्टा बक्षाया
श्री आशापुराजी जोगनिया
नाम धरायो।।
राणी कुंवर को कर यो राजी
मारे पापी जो थे पाजी
जोगण बण जोगणिया बाजी
फिर थाला पे आप बिराजी
भैरयो भजन बणाया
श्री आशापुराजी जोगनिया
नाम धरायो।।
श्री आशापुराजी जोगणिया
नाम धरायो।।
गायक जब्बार जी ओर रामप्रसाद वैष्णव।
प्रेषक चारभुजा साउंड जोरावरपुरा।
9460405693
shri aashapura ji joganiya naam dharayo lyrics