श्रद्धा के सुमन करने अर्पण भजन लिरिक्स - MadhurBhajans मधुर भजन










श्रद्धा के सुमन
करने अर्पण
मै दर पे तुम्हारे आया हूँ
है हाथ तूम्हारे अब दाता
है हाथ तुम्हारे अब दाता
अपनाना चाहे ठुकराना
श्रद्धा के सुमन।।
तर्ज चँदन सा बदन।


महिमा सुन कर दाता तेरी मै
दर पे तेरे आया हूँ
औरो की तरह मै भी मन में
उम्मीदे लेकर आया हूँ
पहले भी जनम कई भटका हूँ
पहले भी जनम कई भटका हूँ
अब और न मुझको भटकाना
श्रद्धा के सुमन।।


तू भी सुन्दर तेरा दर सुन्दर
मन भावन तेरी सूरत है
मूझको न प्रभू बिसरा देना
मुझे हरपल तेरी जरूरत है
दर्शन को नैना तरस रहे
दर्शन को नैना तरस रहे
प्रभू और न इनको तरसाना
श्रद्धा के सुमन।।









जब जब अवतार धरो जग में
प्रभू इतनी है विनती मेरी
हर बार तेरा ही दास बनूँ
और मुझको मिले भक्ती तेरी
कुछ और न चाहत है मन में
कुछ और न चाहत है मन में
प्रभू मुझको भूल नही जाना
श्रद्धा के सुमन।।


श्रद्धा के सुमन
करने अर्पण
मै दर पे तुम्हारे आया हूँ
है हाथ तूम्हारे अब दाता
है हाथ तुम्हारे अब दाता
अपनाना चाहे ठुकराना
श्रद्धा के सुमन।।
भजन लेखक एवं प्रेषक
शिवनारायण वर्मा
मोबान8818932923
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