शिव तुम कितने सुंदर हो भजन लिरिक्स - MadhurBhajans मधुर भजन
सोहे हैं गंग की धार
सर्पो का गले में हार
तेरा अद्भुत है सिंगार
शिव तुम कितने सुंदर हो
तुम कितने सुंदर हो।।
तर्ज ना कजरे की धार।
तेरा रूप है अजब निराला
कहलाये डमरू वाला
कानों में बिच्छुवन माला
आंखों में तेज मतवाला
माथे पे सोहे चंदा
माथे पे सोहे चंदा
तुझमें ही जगत का सार
तन पर हो भस्म रमाये
और बाघम्बर लिपटाये
ओ नंदी के असवार
शिव तुम कितने सुंदर हों
तुम कितने सुंदर हो।।
नही है इस सकल जगत में
भोले समान कोई दानी
देवों के देव कहलाये
जपते इसे योगी ध्यानी
खुद पीले विष की गगरी
खुद पीले विष की गगरी
दुनिया को अमृत धार
नित भंग धतुरा खाये
और डमरू जोर बजाए
भोले की महिमा अपार
शिव तुम कितने सुंदर हों
तुम कितने सुंदर हो।।
संकट से सदा उबारे
जो ध्याये निर्मल मन से
दर्शन दे भाग्य सँवारे
काटे क्लेश जन जन के
जिसने भी जो वर मांगा
जिसने भी जो वर मांगा
पा जाता वही वरदान
त्रिपुरारी भोले भंडारी
करते नंदी की सवारी
मिल बोलो नमः शिवाय
शिव तुम कितने सुंदर हों
तुम कितने सुंदर हो।।
सोहे हैं गंग की धार
सर्पो का गले में हार
तेरा अद्भुत है सिंगार
शिव तुम कितने सुंदर हो
तुम कितने सुंदर हो।।
स्वर रचना मुकेश कुमार जी।
9660159589
shiv tum kitne sundar ho lyrics