शिव तो ठहरे सन्यासी गौरा पछताओगी भजन लिरिक्स - MadhurBhajans मधुर भजन










शिव तो ठहरे सन्यासी
गौरा पछताओगी
भोला योगी संग कैसे
अरे जिंदगी बिताओगी
शिव तो ठहरें सन्यासी
गौरा पछताओगी।।
तुम तुम ठहरे परदेसी।


ऊँचे ऊँचे पर्वत पर
शिव जी का डेरा है
नंदी की सवारी गौरा
कैसे कर पाओगी
शिव तो ठहरें सन्यासी
गौरा पछताओगी।।


आगे ना कोई पीछे
गौरा तेरे दूल्हे के
दिलवाला हाल गौरा
अरे किसको सुनाओगी
शिव तो ठहरें सन्यासी
गौरा पछताओगी।।









महलों में पली गौरा
राज दुलारी बनकर
शिव जी को भंग घोटकर
कैसे पिलाओगी
शिव तो ठहरें सन्यासी
गौरा पछताओगी।।


गौरा बोली सखियों से
अरी तुम क्या जानो री
जैसा वर पाया मैंने
वैसा तुम क्या पाओगी


शिव तो ठहरें सन्यासी
गौरा पछताओगी।।


शिव तो ठहरे सन्यासी
गौरा पछताओगी
भोला योगी संग कैसे
अरे जिंदगी बिताओगी
शिव तो ठहरें सन्यासी
गौरा पछताओगी।।













shiv to thehre sanyasi bhajan lyrics