शिव शंकर भोले कैलाशी तेरे दरश को अखियां है प्यासी - MadhurBhajans मधुर भजन
शिव शंकर भोले कैलाशी
तेरे दरश को अखियां है प्यासी
शिव शंकर भोले कैलाशी।।
तर्ज कान्हा आन बसों वृन्दावन में।
तेरी जटा बिच गंगा धारा
माथे पर सोहे चंदा प्यारा
प्रभु तू सब जग से है न्यारा
मेरे भोलेनाथ घट घट वासी
शिव शंकर भोलें कैलाशी
तेरे दरश को अखियां है प्यासी
शिव शंकर भोले कैलाशी।।
देवों के देव महादेव हो तुम
सबकी नैया के खेव हो तुम
हो सबसे बड़े प्रभु दानी तुम
दुनिया तेरे तेरे चरणों की दासी
शिव शंकर भोलें कैलाशी
तेरे दरश को अखियां है प्यासी
शिव शंकर भोले कैलाशी।।
एक बार दर्शन दे जाना
ये मन है मेरा प्रभु दीवाना
कोई करना नहीं बहाना तुम
मेरे दीनदयाला अविनाशी
शिव शंकर भोलें कैलाशी
तेरे दरश को अखियां है प्यासी
शिव शंकर भोले कैलाशी।।
मैं दरश दीवानी तेरी हूँ
संकट ने प्रभु जी घेरि हूँ
ढूंढा रामेश्वर और काशी
शिव शंकर भोलें कैलाशी
शिव शंकर भोलें कैलाशी
तेरे दरश को अखियां है प्यासी
शिव शंकर भोले कैलाशी।।
प्रभु तेरे कांवड़ लाई हूँ
चल हरिद्वार से आई हूँ
प्रभु तेरी आस लगाई है
तेरा रुकम भी दर्शन अभिलाषी
शिव शंकर भोलें कैलाशी
तेरे दरश को अखियां है प्यासी
शिव शंकर भोले कैलाशी।।
शिव शंकर भोले कैलाशी
तेरे दरश को अखियां है प्यासी
शिव शंकर भोले कैलाशी।।
स्वर अंजलि जैन।
shiv shankar bhole kailashi bhajan lyrics