शिव शम्भू सा निराला कोई देवता नहीं है भजन लिरिक्स - MadhurBhajans मधुर भजन










शिव शम्भू सा निराला
कोई देवता नहीं है
जैसा भी है डमरू वाला
कोई देवता नहीं है।।


सर पे बसी है गंगा
माथे पे चन्द्रमा है
नंदी की है सवारी
अर्धांगिनी उमा है
गले सर्प की है माला
कोई देवता नहीं है
जैसा भी है डमरू वाला
कोई देवता नहीं है।।


अमृत की कामना से
सब मथ रहे शिवसागर
निकला है उससे विष जो
सब पि गए हलाहल
उस ज़हर को पिने वाला
कोई देवता नहीं है
जैसा भी है डमरू वाला
कोई देवता नहीं है।।


आशा हुई निराशा
जाए तो किसके द्वारे
तुझे छोड़ हे महेश्वर
अब किसको हम पुकारे
सूना है मन शिवाला


कोई देवता नहीं है
जैसा भी है डमरू वाला
कोई देवता नहीं है।।









शिव शम्भू सा निराला
कोई देवता नहीं है
जैसा भी है डमरू वाला
कोई देवता नहीं है।।
गायिका प्रियंका सहवाल।
ये भी देखें भोलेनाथ से निराला कोई।









shiv shambhu sa nirala koi devta nahi hai lyrics