शिव के प्यारे गणेश काटो विघ्न कलेश भजन लिरिक्स - MadhurBhajans मधुर भजन
शिव के प्यारे गणेश
काटो विघ्न कलेश
मेरे अंगना पधारो
मैं तर जाऊंगा
इक दया की नजर
आप कर दो इधर
मेरी बिगड़ी सुधारो
मैं तर जाऊंगा।।
तर्ज मेरे रश्के कमर।
रिद्धि सिद्धि के दाता
कहे आपको
ज्ञान बुद्धि विधाता
कहे आपको
कर के मूषे सवारी
चले आइये
मेरा नर तन संवारो
मैं तर जाऊंगा
शिव के प्यारें गणेश
काटो विघ्न कलेश
मेरे अंगना पधारो
मैं तर जाऊंगा।।
चार मौदक के लड्डू
चढ़ायें तुम्हें
सारे देवों से पहले
मनायें तुम्हें
नाम सुमरन करें
शीश चरनन धरे
पार भव से उतारो
मैं तर जाऊंगा
शिव के प्यारें गणेश
काटो विघ्न कलेश
मेरे अंगना पधारो
मैं तर जाऊंगा।।
आपके दर पे जो भी
सवाली आया
आज तक कोई दर से
ना खाली गया
मैं हूँ पापी अधम
है शरण में पदम
गीत मेरे निहारो
मैं तर जाऊंगा
शिव के प्यारें गणेश
काटो विघ्न कलेश
मेरे अंगना पधारो
मैं तर जाऊंगा।।
शिव के प्यारे गणेश
काटो विघ्न कलेश
मेरे अंगना पधारो
मैं तर जाऊंगा
इक दया की नजर
आप कर दो इधर
मेरी बिगड़ी सुधारो
मैं तर जाऊंगा।।
गायक मुकेश कुमार।
shiv ke pyare ganesh kato vighna kalesh lyrics