शिव जी को एक लोटा जल जो चढ़ाता है भजन लिरिक्स - MadhurBhajans मधुर भजन
शिव जी को एक लोटा
जल जो चढ़ाता है
बिन मांगे वो बाबा
आपसे पाता है
जहां भी हो दरबार मेरे
भी मन को लुभाता है
सावन में कांवर ले
जो कोई आता है
बिन मांगे वो बाबा
आपसे पाता है।।
तर्ज तुझको ना देखूं तो।
कुंती के पूजित बाबा कुंतेश्वर
भूवनों की रक्षा के प्यारे भुवनेश्वर
आकर यहां जो जल है चढ़ाता
मन की मुरादे वह तुमसे पाता
देवों का आपसे भी महादेव सा नाता है
बिन मांगे वो बाबा
आपसे पाता है
जहां भी हो दरबार मेरे
भी मन को लुभाता है।।
महादेवा लोधेश्वर अद्भुत नजारा
रामेश्वरम श्री राम का प्यारा
पूजे है जिसको सारा जमाना
रोते हुए मनका खिलखिलाना
दर्शन बिन ना उसको कुछ भी भाता है
बिन मांगे वो बाबा
आपसे पाता है
जहां भी हो दरबार मेरे
भी मन को लुभाता है।।
काशी के बाबा विश्वेश्वर प्यारे
नागेश्वर बागेश्वर नाम तुम्हारे
केदारनाथ में धाम तुम्हारा
टिकैतनगर शिव मंडल हमारा
इसीलिए तो सचिन दर पर आता है
बिन मांगे वो बाबा
आपसे पाता है
जहां भी हो दरबार मेरे
भी मन को लुभाता है।।
शिव जी को एक लोटा
जल जो चढ़ाता है
बिन मांगे वो बाबा
आपसे पाता है
जहां भी हो दरबार मेरे
भी मन को लुभाता है
सावन में कांवर ले
जो कोई आता है
बिन मांगे वो बाबा
आपसे पाता है।।
गायक प्रेषक सचिन निगम।
8756825076
shiv ji ko ek lota jal jo chadhata hai lyrics