शिव ही सत्य है शिव ही सुन्दर लिरिक्स - Shiv Hi Satya Hai Shiv Hi Sundar Lyrics










शिव ही सत्य है
शिव ही सुन्दर
शिव ही सब गुण आगर है
भोले दानी भोलेनाथ
शिव जी तो दया के सागर है
शिव जी तो दया के सागर है।।
तर्ज एक हरि को छोड़ किसी की।


गौरी पति शिव हर हर शम्भु
जय कैलाशी भजा करो
ॐ नमः शिवाय निरंतर
मन ही मन में जपा करो
नीलकंठ विष पिने वाले
शिव अमृत के गागर है
भोले दानी भोलेनाथ
शिव जी तो दया के सागर है
शिव जी तो दया के सागर है।।


शिव का अद्भुत रूप निराला
गले में सर्पो की माला
तन पे भस्म रमाए जोगी
मस्तक चंद्र है उजियारा
जटा में सोहे गंगा जिनकी
ऐसे शिव गंगाधर है
भोले दानी भोलेनाथ
शिव जी तो दया के सागर है
शिव जी तो दया के सागर है।।









अंत वही आरम्भ वही
शिव से ही सारी सृष्टि है
उर्मिल वो तो है बड़भागी
जिस पर इनकी दृष्टि है
सारे जग में शिव की सत्ता
भोले दानी भोलेनाथ


शिव जी तो दया के सागर है
शिव जी तो दया के सागर है।।


शिव ही सत्य है
शिव ही सुन्दर
शिव ही सब गुण आगर है
भोले दानी भोलेनाथ
शिव जी तो दया के सागर है
शिव जी तो दया के सागर है।।












shiv hi satya hai shiv hi sundar lyrics