शीतल कर मन मेरा ओ माता शीतले लिरिक्स - MadhurBhajans मधुर भजन










काम क्रोध की ज्वाला
है चारों ओर जले
शीतल कर मन मेरा
ओ माता शीतले।।


तर्ज सावन का महीना।


हाथ में झाड़ू लेकर
जग को बताया
गन्दगी का करना होगा
हर पल सफाया
सुचिता बिन ये जीवन
एक पल भी ना चले
शितल कर मन मेरा
ओ माता शीतले।।


सांचे ह्रदय से जिसने
जब भी पुकारा
दौड़ी दौड़ी आई हो तुम
दिया है सहारा
नाम तेरा लेते ही
सब संकट कष्ट टले
शितल कर मन मेरा
ओ माता शीतले।।









लाखो करोड़ो जन की
विपदा है टाली
तेरे दर पे आ के कोई
जाए ना खाली
सबकी अर्जी सुनती
जो कहना है कहले


शितल कर मन मेरा
ओ माता शीतले।।


काम क्रोध की ज्वाला
है चारों ओर जले
शीतल कर मन मेरा
ओ माता शीतले।।













sheetal kar man mera o mata sheetale lyrics