शरण में पड़ा हूँ माँ मुझको बचा ले भजन लिरिक्स - MadhurBhajans मधुर भजन
शरण में पड़ा हूँ माँ
मुझको बचा ले
आंचल में अपने
मुझे तू छुपा ले
आंचल में अपने
मुझे तू छुपा ले।।
तर्ज तुम्ही मेरे मंदिर।
अकेला हूँ मैया
बड़ा घबराऊं
पराये जगत में माँ
तुझे अपना पाऊं
चरणों में तेरे मैया
मुझको बिठा ले
आंचल में अपने
मुझे तू छुपा ले
आंचल में अपने
मुझे तू छुपा ले।।
बेटे का रोना माँ
सहने ना पाती
झट दौड़ आती वो
गले से लगाती
नादान हूँ मैं मुझको
गोदी उठा ले
आंचल में अपने
मुझे तू छुपा ले
आंचल में अपने
मुझे तू छुपा ले।।
करुणा की देवी
करुणा दिखा दे
तेरे हर्ष के मैया
दुखड़े मिटा दे
पागल समझ के मुझको
माँ तू निभा ले
आंचल में अपने
मुझे तू छुपा ले
आंचल में अपने
मुझे तू छुपा ले।।
शरण में पड़ा हूँ माँ
मुझको बचा ले
आंचल में अपने
मुझे तू छुपा ले
आंचल में अपने
मुझे तू छुपा ले।।
स्वर सौरभ मधुकर जी।
sharan me pada hu maa mujhko bacha le lyrics