शंकर मेरे जगत पिता है पारवती मेरी माता भजन लिरिक्स - MadhurBhajans मधुर भजन
शंकर मेरे जगत पिता है
पारवती मेरी माता
पारवती मेरी माता।।
तर्ज मेरे नैना सावन भादो।
दर तेरे आता हूँ
आरती गाता हूँ
चरणों में तेरे
धोक लगाऊं
दर्श तेरा मैं चाहता
क्यों ना तरस तुझे आता
तुम बिन मेरा कौन सहारा
पारवती मेरी माता
पारवती मेरी माता।।
अवगुण चित ना धरो
सिर पर हाथ धरो
मैं हूँ पापी और दुष्कर्मी
खोल ना मेरा खाता
सुनले जग के विधाता
मेरी नैया डगमग डोले
क्यों नहीं पार लगाता
पारवती मेरी माता
पारवती मेरी माता।।
धीर बंधाओ ना
हाथ फिराओ ना
नैनो से बहे जल की धारा
क्यों ना तरस तुझे आता
मुझसे नहीं क्या नाता
किस दर जाऊं किसको सुनाऊँ
दुःख से भरी ये गाथा
पारवती मेरी माता।।
शंकर मेरे जगत पिता है
पारवती मेरी माता
पारवती मेरी माता।।
shankar mere jagat pita hai bhajan lyrics