शाम ढली और श्याम न आये भजन लिरिक्स - MadhurBhajans मधुर भजन
शाम ढली और श्याम न आये
मुरली वाले क्यों तरसाये
शाम ढली और श्याम न आये
मुरली वाले क्यों तरसाये।।
तर्ज दो दिल टूटे दो दिल हारे।
सुन्दर सलोना मुखड़ा
कब तू मुझे दिख लाएगा
इतना बता निर्मोही
कब तक मुझे बहलाएगा
अंधियारी काली राते
अंधियारी काली राते
दिल भरमाये
शाम ढली और श्याम नाआये
मुरली वाले क्यों तरसाये।।
प्रीत तुम्हारी झूठी
झूठा तुम्हारा रूप जोड़ना
सीखा है तुमने किससे
प्रेमी जनो के दिल को तोड़ना
तेरे बिन साँवरिया
तेरे बिन साँवरिया
कुछ ना सुहाए
शाम ढली और श्याम ना आये
मुरली वाले क्यों तरसाये।।
यमुना के तट पर बैठी
नैना लगे है तेरी राह में
सब कुछ भुलाया मैंने
प्यारे तुम्हारी इक चाह में
नंदू ये दिल मनमोहन
नंदू ये दिल मनमोहन
धीर गया रे
शाम ढली और श्याम नाआये
मुरली वाले क्यों तरसाये।।
शाम ढली और श्याम न आये
मुरली वाले क्यों तरसाये
शाम ढली और श्याम न आये
मुरली वाले क्यों तरसाये।।
sham dhali aur shyam na aaye lyrics