शहेरिये में बाज रही बीन बंशी डूंगर पूरी जी भजन - MadhurBhajans मधुर भजन
शहेरिये में बाज रही बीन बंशी
अखंड धुन बाज रही बंशी गहरी।।
ज्ञान ध्यान रा धोरा बाधा
लागी सुरत तणी
अलख पुरुष रा वंकुआ मार्ग
सेहरी है शांकड़ी
सहेरिये में बाज रही बीन बंशी
अखंड धुन बाज रही बंशी गहरी।।
नाभी कमल में बाजार अडानी
हीरो से हाट भरी
संत होवे सो पारख लेना
पारस हीर कणी
सहेरिये में बाज रही बीन बंशी
अखंड धुन बाज रही बंशी गहरी।।
गगन मण्डल में अखी अखाड़ा
जिल मिल ज्योति जली
गुप्त स्वरुपी बाजा बाजे
अनहद नाद सुनी
सहेरिये में बाज रही बीन बंशी
अखंड धुन बाज रही बंशी गहरी।।
अनेक संतो रे शरणे आया
धीरप ध्यान धरी
दोय कर जोड़ डुंगर पुरी जी बोले
साधुड़ो रा सत्तर धणी
सहेरिये में बाज रही बीन बंशी
अखंड धुन बाज रही बंशी गहरी।।
शहेरिये में बाज रही बीन बंशी
अखंड धुन बाज रही बंशी गहरी।।
8302031687
shahariye me baj rahi been banshi lyrics