सायल मारी साम्भलो थे अजमल घर अवतारी लिरिक्स - MadhurBhajans मधुर भजन










सायल मारी साम्भलो थे
अजमल घर अवतारी ओ
एकर दर्श दिखावो माने
निकलंक नेजाधारी ओ
एकर दर्श दिखावो माने
निकलंक नेजाधारी ओ जे ए हा।।


कुंकुम पगल्या मांड्या बाबो
दीनी दूध उतारी ओ
कुंकुम पगल्या मांड्या बाबो
दीनी दूध उतारी ओ
कपडा रो घोडलीयो उडायो
मिसरी कर दिनी खारी ओ
कपडा रो घोडलीयो उडायो
मिसरी कर दिनी खारी ओ जे ए हा।।


भेरूडा राकस ने मार्यो
भूमि रो भार हटायो ओ
भेरूडा राकस ने मार्यो
भूमि रो भार हटायो ओ
सुगना रा भानु ने जिवायो
नाव तारी बोयता री ओ
सुगना रा भानु ने जिवायो
नाव तारी बोयता री ओ जे ए हा।।


पीरा ने परचो दिखलायो
डाली बाई ने तारी ओ
पीरा ने परचो दिखलायो
डाली बाई ने तारी ओ
जातपात रो भेद मिटायो
जाने दुनिया सारी ओ
जातपात रो भेद मिटायो
जाने दुनिया सारी ओ जे ए हा।।









भीड पडी है वेगा आईजो
लीले री असवारी ओ
भीड पडी है वेगा आईजो
लीले री असवारी ओ
फेपसिंह चरना रो चाकर
करे सेवना थारी ओ
फेपसिंह चरना रो चाकर
करे सेवना थारी ओ जे ए हा।।


सायल मारी साम्भलो थे
अजमल घर अवतारी ओ
एकर दर्श दिखावो माने
निकलंक नेजाधारी ओ
एकर दर्श दिखावो माने
निकलंक नेजाधारी ओ जे ए हा।।
गायक प्रकाश माली जी।
प्रेषक मनीष सीरवी
9640557818










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