सांवरा थारी माया रो पायो कोनी पार भजन लिरिक्स - MadhurBhajans मधुर भजन










सांवरा थारी माया रो
पायो कोनी पार।
श्लोक मीरा जन्मी मेड़ते
वा परणाई चित्तोड़
राम भजन प्रताप सु
वा सकल श्रुष्टि सिरमोड
सकल सृष्टि सिरमोड जगत में
सारा जानिए
आगे भई अनेक बाया कई रानी
जिनकी रीत संग्राम कहे
तो है वैकुंठा ठौर
मीरा जन्मी मेड़ते
वा परणाई चित्तोड़।
सांवरा थारी माया रो
पायो कोनी पार
भेद नही जाण्यो रे
दयालु दीना नाथ।।


इंदर कोप कियो बृज ऊपर
बरसयो मूसला धार
अरे नख पर गिरी वर धारयो रे
दयालु दीना नाथ
सवरा थारी माया रो
पायो कोनी पार
भेद नही जाण्यो रे
दयालु दीना नाथ।।









गौ रा जाया बेलिया
कमावे दिन रात
बूढा कर कर बेचे रे
दयालु दीना नाथ
सवरा थारी माया रो
पायो कोनी पार
भेद नही जाण्यो रे
दयालु दीना नाथ।।


हिरण्यकुश प्रहलाद ने वरजे
वरजे बारम बार
अरे राम नाम नही लेना रे
दयालु दीना नाथ
सवरा थारी माया रो
पायो कोनी पार
भेद नही जाण्यो रे
दयालु दीना नाथ।।


विष रा प्याला राणाजी भेज्या
दीजो मीरा ने जाय
कर चरणामृत पायो रे
दयालु दीनानाथ
सवरा थारी माया रो
पायो कोनी पार
भेद नही जाण्यो रे
दयालु दीना नाथ।।


मीरा बाई री अर्ज वीनती
सुनो थे सृजनहार
में चरणा री दासी रे
दयालु दीना नाथ
सवरा थारी माया रो
पायो कोनी पार
भेद नही जाण्यो रे
दयालु दीना नाथ।।


सांवरा थारी माया रो
पायो कोनी पार
भेद नही जाण्यो रे
दयालु दीना नाथ।।



भजन प्रेषक
गोपी किशन प्रजापत
917829998404










sawra thari maya ro payo koni paar lyrics