सांवरिया री बड़ी अपार कृपा बरस रही भजन लिरिक्स - MadhurBhajans मधुर भजन
सांवरिया री बड़ी अपार
कृपा बरस रही जी बरस रही
समझो तो बेड़ा पार
कृपा बरस रही जी बरस रही
साँवरिया री बड़ी अपार
कृपा बरस रही जी बरस रही।।
पहली कृपा माने मनख बणायो
संता रे संग में लाय बिठायो
खोल दिया भंडार
कृपा बरस रही जी बरस रही
साँवरिया री बड़ी अपार
कृपा बरस रही जी बरस रही।।
पापी और मूर्ख नर नारी
हरि भगति रा सब अधिकारी
हे दाता बडो़ उदार
कृपा बरस रही जी बरस रही
साँवरिया री बड़ी अपार
कृपा बरस रही जी बरस रही।।
सुखदुख घाटों नफो बीमारी
है साधन सामग्री सारी
हे मुंडों मति बिगाड़
कृपा बरस रही जी बरस रही
साँवरिया री बड़ी अपार
कृपा बरस रही जी बरस रही।।
मैं म्हारा संकल्प आज मिटावा
क्यों मैं दूजी अकल लगावा
है राख धणी पर भार
कृपा बरस रही जी बरस रही
साँवरिया री बड़ी अपार
कृपा बरस रही जी बरस रही।।
सांवरिया री बड़ी अपार
कृपा बरस रही जी बरस रही
समझो तो बेड़ा पार
कृपा बरस रही जी बरस रही
साँवरिया री बड़ी अपार
कृपा बरस रही जी बरस रही।।
गायक प्रेषक देव शर्मा आमा।
8290376657
sawariya ri badi apar kripa baras rahi lyrics