सांवरिया झंझट बड़े अपार भजन लिरिक्स - MadhurBhajans मधुर भजन










सांवरिया झंझट बड़े अपार
सांवरिया झंझट बड़े अपार
महंगाई के दौर में मेरा
महंगाई के दौर में मेरा
कैसे चले परिवार
साँवरिया झंझट बड़े अपार।।
तर्ज भगत के वश में है भगवान।


एक दिन मैंने सोचा
आज मंदिर जाऊंगा
शीश के दानी का मैं
जाके दर्शन पाउँगा
झमेले इतने बाबा
समय का ध्यान रहा ना
मुझको मंदिर है जाना
इसका भी ज्ञान रहा ना
आनन फानन मंदिर पहुँचा
आनन फानन मंदिर पहुँचा
बंद मिले पट द्वार
साँवरिया झंझट बड़े अपार।।


सोचा गद्दी में निशदिन
नाम तेरा जपूँगा
बैठकर सबसे पहले
तेरा सुमिरण करूँगा
जाके गद्दी बुहारी
धुप में खेवन लागा
ध्यान धरके मैं तेरा
नाम तेरा लेवन लागा
इतने में ही लेने तकादा
इतने में ही लेने तकादा
आ गया साहूकार
साँवरिया झंझट बड़े अपार।।









नहीं मैं दान कराऊँ
नहीं कोई पूण्य कमाऊँ
कभी गंगाजी जाकर
नहीं मैं डुबकी लगाऊं
एक दिन मैंने ठानी
घर में ही ध्यान धरूंगा
सांवरे नाम की तेरे
रोज एक माला जपूँगा
हाथ में ही जो माला पकड़ी
हाथ में ही जो माला पकड़ी
साँवरिया झंझट बड़े अपार।।


जिसे देखूं मैं वो ही
तेरा कीर्तन करवाता
महंगे पकवानों का वो
सांवरे भोग लगाता
मेरा भी मन ललचाए
तेरा श्रृंगार कराऊँ
मैं भी औरो की भांति
तेरा भंडारा लगाऊं
बजट बनाऊं तो खुद को
बजट बनाऊं तो खुद को
पाता हूँ लाचार
साँवरिया झंझट बड़े अपार।।


कहा गीता में तुमने
कर्म ही धर्म तुम्हारा
जैसे रखूँगा तुमको
वैसे ही चले गुजारा
तेरे उपदेशो पर ही
आज मैं चल रहा हूँ
भूलकर फल की चिंता
काम मैं कर रहा हूँ
तेरे दिखाए रस्ते पर मैं
तेरे दिखाए रस्ते पर मैं
चलता पालनहार
साँवरिया झंझट बड़े अपार।।


तूने धरती पर भेजा
बड़ा उपकार किया है
मगर ये सोचो भगवन
पीछे परिवार दिया है
अगर ना काम करूँ तो
कैसे परिवार चलाऊँ
पेट मैं सबका भरके
सांवरे भोजन पाऊं
काम ही पूजा मेरी
काम ही मेरा वंदन
काम करता हाथों से
साँसों से तेरा सुमिरण
मैं इतना व्यस्त रहूं पर
तुझे हरपल ही ध्याया
हर्ष मैं जान गया हूँ
तूने क्यूँ दर्श दिखाया
तन ये लगाया धन के पीछे
तन ये लगाया धन के पीछे
मन तुझमे सरकार
साँवरिया झंझट बड़े अपार।।


सांवरिया झंझट बड़े अपार
सांवरिया झंझट बड़े अपार
महंगाई के दौर में मेरा
महंगाई के दौर में मेरा
कैसे चले परिवार
साँवरिया झंझट बड़े अपार।।










sawariya jhanjhat bade apar lyrics in hindi