सावन में झूला झूल रहे राधे संग कुंज बिहारी भजन लिरिक्स - MadhurBhajans मधुर भजन










सावन में झूला झूल रहे
राधे संग कुंज बिहारी
सावन में झूला झूल रहें
राधे संग कुंज बिहारी
राधे संग रसिक बिहारी
राधे संग नित्य बिहारी
सावन में झूला झूल रहें
राधे संग कुंज बिहारी।।


मोर मुकुट कानन में कुंडल
रूप निहारत सब बृज मंडल
कर दर्शन सुध बुध भूल रहे
राधे संग कुंज बिहारी
सावन में झूला झूल रहें
राधे संग कुंज बिहारी।।
बांकी झांकी है प्यारी
प्यारे नंद लाल की
मीरा दीवानी हो गई
गिरधर गोपाल की।


खडो मनसुखा लेकर सोटा
सखिया दे रही लंबे झोटा
और बादल काले झूल रहे
राधे संग कुंज बिहारी
सावन में झूला झूल रहें
राधे संग कुंज बिहारी।।









कुक रही है कोयल काली
लता पता छाई हरियाली
महक कदम संग फूल रहे
राधे संग कुंज बिहारी
सावन में झूला झूल रहें
राधे संग कुंज बिहारी।।


प्रेमी ब्रज लागे मनभावन
रिमझिम रिमझिम बरसे सावन
बर कालिंदी संग झूल रहे
राधे संग कुंज बिहारी
सावन में झूला झूल रहें
राधे संग कुंज बिहारी।।


सावन में झूला झूल रहे
राधे संग कुंज बिहारी
सावन में झूला झूल रहें
राधे संग कुंज बिहारी
राधे संग रसिक बिहारी
राधे संग नित्य बिहारी
सावन में झूला झूल रहें
राधे संग कुंज बिहारी।।
गायक श्री चित्र विचित्र जी महाराज।
प्रेषक शेखर चौधरी मो 9754032472










sawan me jhula jhul rahe radhe sang kunj bihari lyrics