सावन का महीना आ गया लख्खा जी भजन लिरिक्स - MadhurBhajans मधुर भजन
सावन का महीना आ गया
ओय चल चलिए चल चलिए।
तर्ज दिल चोरी साटा हो गया।
श्लोक सावन में जो भी भर गंगाजल
श्रद्धा से कावड़ लाता है
हर हर बम बम जपके लख्खा
वो मुँह माँगा वर पाता है
शिव सा दाता शिव सा दानी
और नहीं दुनिया में
भोले के चरणों से लिपटकर
वो नर बस ये गाता है
सावन का महीना आ गया
ओय चल चलिए चल चलिए
कावड़ियों का रंग छा गया
ओय चल चलिए चल चलिए
मेरे मन में ख़ुशी अपार
चलूँगा मैं भी शिव के द्वार
मैं भी हर हर बम बम जपूँ जपूँ
मेरे शिव शंकर मन भा गया
ओय चल चलिए चल चलिए
सावन का महीना आ गया
ओय चल चलिए चल चलिए।।
काँधे पे कांवड़ धर के
पैदल चलना जल भरके
दर्शन होंगे शंकर के
जो स्वामी है देवघर के
वो पछताए जो ना गया
ओय चल चलिए चल चलिए
सावन का महीना आ गया
ओय चल चलिए चल चलिए।।
कोई डाक कावड़िया जाता
कोई झूला लेकर आता
कोई खड़ी को बड़ी सजाकर
चल हरिद्वार से आता
गंगा में डुबकी लागया
ओय चल चलिए चल चलिए
सावन का महीना आ गया
ओय चल चलिए चल चलिए।।
हर तरफ गूंजते नारे
हर बम बम के जयकारे
पैदल चलते है जाते
भोले के भक्त प्यारे
कोई भंग का रंग जमा गया
ओय चल चलिए चल चलिए
सावन का महिना आ गया
ओय चल चलिए चल चलिए।।
क्या सोच रहा लख्खा तू
क्या अब तक नहीं गया तू
संग राजपाल को लेकर
काँधे पे कावड़ ले तू
कावड़ का मौसम आ गया
ओय चल चलिए चल चलिए
सावन का महिना आ गया
ओय चल चलिए चल चलिए।।
सावन का महीना आ गया
ओय चल चलिए चल चलिए
कावड़ियों का रंग छा गया
ओय चल चलिए चल चलिए
मेरे मन में ख़ुशी अपार
चलूँगा मैं भी शिव के द्वार
मैं भी हर हर बम बम जपूँ जपूँ
मेरे शिव शंकर मन भा गया
ओय चल चलिए चल चलिए
सावन का महीना आ गया
ओय चल चलिए चल चलिए।।
sawan ka mahina aa gaya bhajan lyrics