सत्संग में आकर के जीवन सफल कर ले भजन लिरिक्स - MadhurBhajans मधुर भजन










सत्संग में आकर के
जीवन सफल कर ले
मेरे मन कर जतन
सत वचन सुन ले।।
तर्ज ये रेशमी जुल्फें।


कागा हंसा बने सत्संग करके
सब पाप भस्म हो जलकर के
आए यहां जो चलकर के
नही मन भीतर कोई छल करके
मेरे मन कर जतन
सत वचन सुन ले।।


नया जीवन मिलेगा सत्संग में
रंग जायेगा तन मन प्रभु रंग में
ज्ञान खड़ग हो जब संग में
यमदूत भाग जाए जंग में
मेरे मन कर जतन
सत वचन सुन ले।।









पूज्य गुरू की कृपा जब हो जाएगी
तेरी लख चौरासी खो जाएगी
मुक्ति तुम्हारी हो जाएगी
और देह परम पद को पाएगी
मेरे मन कर जतन
सत वचन सुन ले।।


रीता सत्संग में आके ना कोई गया
जीता पांचों विषय और मोह गया
गुरु रामपुरीजी ने किनी दया
जब कानपुरी तो निर्भय भया
मेरे मन कर जतन
सत वचन सुन ले।।


सत्संग में आकर के
जीवन सफल कर ले
मेरे मन कर जतन
सत वचन सुन ले।।
गायक लेखक महंत कानपुरी जी महाराज।
प्रेषक सीताराम गुर्जर काशीपुरा गुलर धाम










satsang me aakar ke jeevan safal kar le lyrics