ओल्यू आप री आवे मारा सतगुरु याद आपकी आवे जी - MadhurBhajans मधुर भजन
ओल्यू आप री आवे मारा सतगुरु
याद आपकी आवे जी
याद करू जद रेवो हिरदा में
पल पल याद सतावे जी।।
चेत में चिंता गणि लागी
गुरु बिना कोन मिटावे जी
ओर दवाई काम नही आवे
शब्दा से रोग कट जावे जी।।
बैशाख में भंवरा ज्यूँ भटकूँ
बाग नजर नही आवे जी
खिल रिया फूल छिटक री कलिया
भंवर वासना लेवे जी।।
जेठ महीनों ऋतु गर्मी की
जल बिना जीव दुःख पावेजी
आप गुरू जी मारे इंदर सामना
अम्रत बूंद बरसावे जी।।
आसाढ़ में आशा गणि लागी
पपयो शोर माचवे जी
आप गुरु सा अम्रत बूंदा
भर भर प्याला पावे जी।।
सावन में सायब घर आया
सखिया मंगल गावे जी
सोना का थाल लिया दोई हाथा
मोतिया कलश सजावे जी।।
भादवो भक्ति को महीनों
गुरु बिना कोन बतावे जी
धर्मदास जी री अर्ज विनती
चरणों मे शीश नमावे जी।।
ओल्यू आप री आवे मारा सतगुरु
याद आपकी आवे जी
याद करू जद रेवो हिरदा में
पल पल याद सतावे जी।।
भजन गायक चम्पा लाल प्रजापति।
मालासेरी डुंगरी 8947915979
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