सतगुरु शरण गयो सुख पायो भजन लिरिक्स - MadhurBhajans मधुर भजन










सतगुरु शरण गयो सुख पायो
दोहा कहे दास सगराम
गुरु की महिमा भारी
कीकर वरणी जाय
जीब धुजे रे मारी।
धुजे मारी जीबड़ी
सुन सुन यश रा ठाठ
किनका अब तोला करूं
धनी निर्गुण रो घाट।
वे निर्गुण रा घाट धनी
निर्गुण अवतारी
कहे दास सगराम
गुरु की महिमा भारी।


सतगुरु शरण गयो सुख पायो
युगन युगन से सोया नींद में
अब सतगुरु देव जगायो
सतगुरु शरण गयो सुख पायो।।


लख चौरासी आवागमन में
फिर फिर जन्म धरायो
है कोई मेरा भाग्य पूरबला
मानुष तन में आयो
सतगुरु शरण गयो सुख पायो।।









जो भी मिल्या सब मतलब गरजी
अपनो स्वार्थ चायो
जो मैं प्रीत करी सुख कारण
आखिर धोको खायो
सतगुरु शरण गयो सुख पायो।।


जड़ देवा की कर कर पूजा
तीर्थ धाम फिरायो
सतगुरु चश्मा ज्ञान लगाके
सब घट राम दिखायो
सतगुरु शरण गयो सुख पायो।।


चेतन भारती गुरु कृपा कर
मुक्ति पंथ बतायो
भारती पूरण सुख सिंधू में
अपनो अनुभव गायों
सतगुरु शरण गयो सुख पायो।।


सतगुरु शरण गयों सुख पायो
युगन युगन से सोया नींद में
अब सतगुरु देव जगायो
सतगुरु शरण गयो सुख पायो।।
गायक पुरण भारती जी महाराज।

8824030646










satguru sharan gayo sukh payo lyrics