सतगुरू प्यारे विनती सुनलो आनन्दकँद भजन लिरिक्स - MadhurBhajans मधुर भजन
सतगुरू प्यारे
विनती सुनलो आनन्दकँद
ओ मेरे सच्चिदानन्द
लेलो मुझको अपनी शरण हो
सतगुरू प्यारे।।
तर्ज बाबुल प्यारे।
न चाहूँ मै मोक्ष या मुक्ती
न कोई पद या प्रतिष्ठा
हर जीवन मे बनी रहे प्रभू
तेरे चरणो मे निष्ठा
विनती सुनलो आनंदकँद
ओ मेरे सच्चिदानन्द
ले लो मुझको अपनी शरण हो
सतगुरू प्यारे।।
ना चाहूँ मे ध्रुव कहलाना
न प्रहलाद कहाऊँ
ये भी न चाहूँ कि बनूँ सुदामा
सेवक बनना चाहूँ
विनती सुनलो आनंदकँद
ओ मेरे सच्चिदानन्द
ले लो मुझको अपनी शरण हो
सतगुरू प्यारे।।
मै मूरख अज्ञानी सतगुरू
कैसे तुमको पाऊँ
अन्जान नगर देखी न डगर प्रभू
कैसे तुम तक आऊँ
विनती सुनलो आनंदकँद
ओ मेरे सच्चिदानन्द
ले लो मुझको अपनी शरण हो
सतगुरू प्यारे।।
सतगुरू प्यारे
विनती सुनलो आनन्दकँद
ओ मेरे सच्चिदानन्द
लेलो मुझको अपनी शरण हो
सतगुरू प्यारे।।
भजन लेखक एवं प्रेषक
शिवनारायण वर्मा
मोबान8818932923
7987402880
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satguru pyare vinati sun lo lyrics