सांवरी सुरतिया है मुख पे उजाला भजन लिरिक्स - MadhurBhajans मधुर भजन
सांवरी सुरतिया है
मुख पे उजाला
ऐसा अनोखा मेरा श्याम
खाटू वाला लीले वाला
जो भी आया चरणों में
उसको उबारा हो उबारा
ऐसा अनोखा मेरा श्याम
खाटू वाला लीले वाला
सांवली सुरतिया है
मुख पे उजाला।।
तर्ज चाँद जैसे मुखड़े पे बिंदिया।
कजरारे चंचल नैनों में
सूरज चांद का डेरा
देख के इस पावन मूरत को
होता जिसका सवेरा
उसके जीवन की नैया को
देता किनारा हो किनारा
ऐसा अनोखा मेरा श्याम
खाटू वाला लीले वाला
सांवली सुरतिया है
मुख पे उजाला।।
तीन बाण कांधे पर सोहे
मोर छड़ी है न्यारी
जिसके झाड़े से लाखों की
किस्मत गई सँवारी
लीले की असवारी करता
मोरवी का लाला मुरलीवाला
ऐसा अनोखा मेरा श्याम
खाटू वाला लीले वाला
सांवली सुरतिया है
मुख पे उजाला।।
खाटू में दरबार लगाए
कलयुग का अवतारी
वीर बर्बरीक नाम है जिसका
माँ का आज्ञाकारी
हारे का साथी है गिरधर
देता सहारा हो सहारा
ऐसा अनोखा मेरा श्याम
खाटू वाला लीले वाला
सांवली सुरतिया है
मुख पे उजाला।।
सांवरी सुरतिया है
मुख पे उजाला
ऐसा अनोखा मेरा श्याम
खाटू वाला लीले वाला
जो भी आया चरणों में
उसको उबारा हो उबारा
ऐसा अनोखा मेरा श्याम
खाटू वाला लीले वाला
सांवली सुरतिया है
मुख पे उजाला।।
लेखक गायक एवं प्रेषक
गिरधर महाराज जी।
संपर्क 9300043737
sanwari suratiya hai mukh pe ujala lyrics