सखी सपने में एक अनोखी बात हो गई साँवरे से मेरी मुलाकात - MadhurBhajans मधुर भजन
सखी सपने में एक अनोखी
बात हो गई
साँवरे से मेरी मुलाकात हो गई
मुलाकात हो गई
मुलाकात हो गई
साँवरे से मेरी मुलाकात हो गई।।
मैं तो गहरी नींद में
सोए रही थी
उस प्यारे के सपनों में
खोए रही थी
सखी कैसे बताऊँ
करामात हो गई
साँवरे से मेरी मुलाकात हो गई।।
धीरे धीरे वो पास मेरे
आने लगे
मुझे बिरहन को दिल से
लगाने लगे
मेरी अखियों से
अश्क की बरसात हो गई
साँवरे से मेरी मुलाकात हो गई।।
मैंने सोचा अब अपने
मैं दिल की कहूं
ये जुदाई का दर्द
मैं कबतक सहुँ
यही सोचते ही सोचते
प्रभात हो गई
साँवरे से मेरी मुलाकात हो गई।।
अपने साजन की पागल
दीवानी हुई
ऐसी चित्रविचित्र की
कहानी हुई
मिली उसकी झलक
ये सौगात हो गई
साँवरे से मेरी मुलाकात हो गई।।
सखी सपने में एक अनोखी
बात हो गई
साँवरे से मेरी मुलाकात हो गई
मुलाकात हो गई
मुलाकात हो गई
साँवरे से मेरी मुलाकात हो गई।।
sanware se meri mulakat ho gayi chitra vichitra bhajan lyrics