सांवरे की चौखट पे मेरा इक खाता है भजन लिरिक्स - MadhurBhajans मधुर भजन










सांवरे की चौखट पे
मेरा इक खाता है
जो भी चाहा श्याम से मुझको
वो मिल जाता है।।
तर्ज आदमी मुसाफिर है।


चौखट तुम्हारी है कितनी प्यारी
तुमने बदल दी किस्मत हमारी
दर्शन से जीवन संवर जाता है
साँवरे की चौखट पे
मेरा इक खाता है।।


जीवन की बीमा तुमसे कराई
साँसों की किश्तें पूरी भराई
परिवार सुख से चल पाता है
साँवरे की चौखट पे
मेरा इक खाता है।।









जो प्यार मैंने तुमसे किया है
वो ब्याज के साथ तूने दिया है
मेरा असल यूँ बढ़ जाता है
साँवरे की चौखट पे
मेरा इक खाता है।।


तुम संगी जीवन के मंज़िल तुम्ही हो
हर पहलु मेरा हर पंथ तुम्ही हो
गुण तेरे बाबा सचिन गाता है
साँवरे की चौखट पे
मेरा इक खाता है।।


सांवरे की चौखट पे
मेरा इक खाता है
जो भी चाहा श्याम से मुझको
वो मिल जाता है।।













sanware ki chaukhat pe mera ek khata hai lyrics