सांवरे के दीवानो की महफ़िल भजन लिरिक्स - MadhurBhajans मधुर भजन
सांवरे के दीवानो की महफ़िल
आज फिर से सजाई गई है
सारे भक्तों ने मिलकर के देखो
लौ प्रभु से लगाई हुई है
साँवरे के दीवानो की महफ़िल
आज फिर से सजाई गई है।।
तर्ज ये तो प्रेम की बात है उधो।
ऊँचे आसन पे बाबा विराजे
उनकी आँखों से करुणा बरसती
इनके भक्तों की आँखें ना पूछो
चरणों में बिछाई हुई है
साँवरे के दीवानो की महफ़िल
आज फिर से सजाई गई है।।
भक्ति की रात का है ये आलम
जो जहाँ है वहीं पे मगन है
हर दिशा से है अमृत बरसता
यहाँ जन्नत बसाई गई है
साँवरे के दीवानो की महफ़िल
आज फिर से सजाई गई है।।
तन महका है मन भी है महका
ये प्रभु की कृपा का असर है
फुल भक्ति का मन में खिला है
यहाँ खुशबू उड़ाई गई है
साँवरे के दीवानो की महफ़िल
आज फिर से सजाई गई है।।
गम के मारे यहाँ जो भी आए
जिनका कोई ना जग में ठिकाना
जिनकी रूठी है तक़दीर उनसे
उनकी किस्मत बनाई गई है
साँवरे के दीवानो की महफ़िल
आज फिर से सजाई गई है।।
सांवरे के दीवानो की महफ़िल
आज फिर से सजाई गई है
सारे भक्तों ने मिलकर के देखो
लौ प्रभु से लगाई हुई है
साँवरे के दीवानो की महफ़िल
आज फिर से सजाई गई है।।
गायक संजय पारीक जी।
प्रेषक अनुरुद्ध अग्निहोत्री।
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