संत सदा सुख धारा साधु रे भई संत सदा सुख धारा - MadhurBhajans मधुर भजन
संत सदा सुख धारा साधु रे भई
संत सदा सुख धारा ओ जी
संत सदा सुख धारा साधू रे भाई
संत सदा सुख धारा ओ जी
उल्टी धारा जो नर चाले
उल्टी धारा जो नर चाले
उल्टे मरे वे गिवारा साधु रे भई
संत नी सुख री धारा ओ जी
संत सदा सुख धारा साधू रे भाई
संत सदा सुख धारा ओ जी।।
मोटा खांड ने मोटा न कहिये
मोटा खांड ने मोटा न कहिये
नीच खांडा री धारा ओ जी
मोटा खांड ने मोटा न कहिये
नीच खांडा री धारा ओ जी
मन अभिमानी रो शिश काटीयो
मन अभिमानी रो शिश काटीयो
गुरू मुख ग्यान कि धारा रे साधु भई
संत सदा सुख धारा साधू रे भाई
संत सदा सुख धारा ओ जी।।
रण मैदाना मे सूरा नर खेले
रण मैदाना मे सूरा नर खेले
हाथ लिया तलवारा ओ जी
रण मैदाना मे सूरा नर खेले
हाथ लिया तलवारा ओ जी
दाव गुरूजी रो जो नर सीखे
दाव गुरूजी रो जो नर सीखे
माता नरारा लावे रे साधु भई
संत सदा सुख धारा साधू रे भाई
संत सदा सुख धारा ओ जी।।
सतगुरु शरने जो नर जावे
सतगुरु शरने जो नर जावे
कभी न लेवे अवतारा ओ जी
सतगुरु शरने जो नर जावे
कभी न लेवे अवतारा ओ जी
पाँच पच्चीस ने वे नर जीते
पाँच पच्चीस ने वे नर जीते
नाम सु दिखे न्यारा रे साधु भई
संत सदा सुख धारा साधू रे भाई
संत सदा सुख धारा ओ जी।।
सतगुरु माने पूरा मिलीया
सतगुरु माने पूरा मिलीया
खोल्या घट रा द्वारा ओ जी
सतगुरु माने पूरा मिलीया
खोल्या घट रा द्वारा ओ जी
भीमपुरी भाण भीतर उगीयो
भीमपुरी भाण भीतर उगीयो
आठों पोर उजीयाला रे साधु भई
संत सदा सुख धारा साधू रे भाई
संत सदा सुख धारा ओ जी।।
संत सदा सुख धारा साधु रे भई
संत सदा सुख धारा ओ जी
संत सदा सुख धारा साधू रे भाई
संत सदा सुख धारा ओ जी
उल्टी धारा जो नर चाले
उल्टी धारा जो नर चाले
उल्टे मरे वे गिवारा साधु रे भई
संत नी सुख री धारा ओ जी
संत सदा सुख धारा साधू रे भाई
संत सदा सुख धारा ओ जी।।
गायक प्रकाश माली जी।
प्रेषक मनीष सीरवी
9640557818
sant sada sukh dhara sadhu re bhai lyrics