संकट मेट मुरारी माधव भजन लिरिक्स - MadhurBhajans मधुर भजन










संकट मेट मुरारी माधव
संकट मेट मुरारी रे।।


संकट में एक बंकट उपनियो
कहत मृग की नारी
क्या कहूं कित मैं जाऊं
हेला दे दे हारी
संकट मेट मूरारी माधव
संकट मेट मुरारी रे।।


एक पासे बावर खींची
दूजे अग्न जलाई
तीजे पाड़े श्वान खड़ा है
चौथे आप शिकारी
संकट मेट मूरारी माधव
संकट मेट मुरारी रे।।


उल्टे पवन से बावर जलगी
श्वान शुची के लारी
बंबी में से भुजङ्ग निकल्यो
डसग्यो आप शिकारी
संकट मेट मूरारी माधव
संकट मेट मुरारी रे।।









जब वो मिर्गी नाचण लागी
वाह वाह कृष्ण मुरारी
सूर कहे प्रभु तुम्हारे भजन में
अविगत की गति न्यारी
संकट मेट मूरारी माधव
संकट मेट मुरारी रे।।


संकट मेट मुरारी माधव
संकट मेट मुरारी रे।।
प्रेषक नरपत सेन झंवर।
9799199576










sankat met murari madhav lyrics